Thursday, January 20, 2022

MITRO MARJANI (मित्रो मरजानी by कृष्णा सोबती) Short Stories by Krishna Sobti.


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मित्रो मरजानी
by कृष्णा सोबती 
MITRO MARJANI   
Short Stories 
by Krishna Sobti 
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If one has any appreciation of language and literature at all, it's impossible to not be impressed by the author, even if this is her first work one has come across. True to earth she writes, unpretentious and real, perhaps shocking some, but the people are real and so are their travails, loves and more. In this she surpasses the much extolled George Eliot, although she's unlikely to have come close to Jane Austen. 
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"भारतीय साहित्य के परिदृश्य पर हिन्दी की विश्वसनीय उपस्थिति के साथ कृष्णा सोबती अपनी संयमित अभिव्यक्ति और सुथरी रचनात्मकता के लिए जानी जाती हैं । कम लिखने को वे अपना परिचय मानती हैं, जिसे स्पष्ट इस तरह किया जा सकता है कि उनका ‘कम लिखना’ दरअसल ‘विशिष्ट’ लिखना है ।  

"किसी युग में किसी भी भाषा में एक-दो लेखक ही ऐसे होते हैं जिनकी रचनाएँ साहित्य और समाज में घटना की तरह प्रकट होती हैं और अपनी भावात्मक ऊर्जा और कलात्मक उत्तेजना के लिए एक प्रबुद्ध पाठक वर्ग को लगातार आश्वस्त करती हैं ।  

"कृष्णा सोबती ने अपनी लम्बी साहित्यिक यात्रा में हर नई कृति के साथ अपनी क्षमताओं का अतिक्रमण किया है । ‘निकष’ में विशेष कृति के रूप में प्रकाशित ‘डार से बिछुड़ी’ से लेकर ‘मित्रो मरजानी’, ‘यारों के यार’, ‘बादलों के घेरे’, ‘सूरजमुखी अँधेरे के’, ‘ज़िन्दगीनामा’, ‘ऐ लड़की’, ‘दिलो-दानिश’, ‘हम हशमत’ और ‘समय सरगम’ तक ने जो बौद्धिक उत्तेजना, आलोचनात्मक विमर्श, सामाजिक और नैतिक बहसें साहित्य-संसार में पैदा की हैं, उनकी अनुगूँज पाठकों में बराबर बनी रही है ।  

"कृष्णा सोबती ने हिन्दी की कथा-भाषा को एक विलक्षण ताज़गी दी है । उनके भाषा-संस्कार के घनत्व, जीवन्त प्रांजलता और सम्प्रेषण ने हमारे समय के अनेक पेचीदा सच आलोकित किए हैं । उनके रचना-संसार की गहरी सघन ऐन्द्रियता, तराश और लेखकीय अस्मिता ने एक बड़े पाठक वर्ग को अपनी ओर आकृष्ट किया है । निश्चय ही कृष्णा सोबती ने हिन्दी के आधुनिक लेखन के प्रति पाठकों में एक नया भरोसा पैदा किया है । अपने समकालीनों और आगे की पीढ़ियों को मानवीय स्वातंत्रय और नैतिक उन्मुक्तता के लिए प्रभावित और प्रेरित किया है । निज के प्रति सचेत और समाज के प्रति चौतन्य किया है ।  

"साहित्य अकादमी पुरस्कार और उसकी महत्तर सदस्यता एवं अन्तर्राष्ट्रीय ‘क्रासवर्ड सम्मान’ के अतिरिक्त, अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों और अलंकरणों से शोभित कृष्णा सोबती साहित्य की समग्रता में अपने को साधारणता की मर्यादा में एक छोटी-सी कलम का पर्याय ही मानती हैं । समय को लाँघ जानेवाला लेखन ऐसे लेखन से कहीं अधिक बड़ा होना चाहिए-साहित्य को जीने और समझनेवाले हर आस्थावान व्यक्ति की तरह यह निर्मल और निर्मम सत्य उनके सामने हमेशा उजागर रहता है ।"
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January 20, 2022 - January 20, 2022. 

Purchased January 17, 2022. 

Kindle Edition, 98 pages
Published by Rajkamal Prakashan 
(first published January 1st 2007)
Original Title 
मित्रो मरजानी

ASIN:- B01MRNNRSH
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[Krishna Sobti]

Mitro Marjani (Hindi) Kindle Edition
Hindi Edition  by Krishna Sobti  (Author)  Format: Kindle Edition

ISBN : 81-267-1236-8

कृष्णा सोबती मित्रो मरजानी

पहला पुस्तकालय संस्करण राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1967 में प्रकाशित  
© कृष्णा सोबती राजकमल पेपरबैक्स में पहला संस्करण: 1984 
तीसरा संस्करण: 1991 
पाँचवीं आवृत्ति: 2003 
चौथा संस्करण: 2006 
© कृष्णा सोबती राजकमल पेपरबैक्स: 
उत्कृष्ट साहित्य के जनसुलभ संस्करण  
राजकमल प्रकाशन प्रा. लि.  
1-बी, नेताजी सुभाष मार्ग  
नई दिल्ली-110 002 
शाखाएँ: अशोक राजपथ, साइंस काॅलेज के सामने, 
पटना-800006 
पहली मंजिल, दरबारी बिल्डिंग, 
महात्मा गांधी मार्ग, इलाहाबाद-211001  
वेबसाइट:www.rajkamalprakashan.com 
ई-मेल: info@rajkamalprakashan.com द्वारा प्रकाशित

ASIN ‏ : ‎ B01MRNNRSH

कृष्णा सोबती मित्रो मरजानी
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https://www.goodreads.com/review/show/4491840947
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